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लोकसभा चुनाव 2024: जमुई सीट पर चिराग की प्रतिष्ठा दाव पर

पटना: लोकसभा चुनाव 2024 में जमुई (सु) संसदीय सीट पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दल लोजपा-रामविलास के टिकट पर पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे अरुण भारती के साथ ही चिराग पासवान की प्रतिष्ठा भी दाव पर है।

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में जमुई (सु) सीट पर राजग में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के टिकट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के पुत्र चिराग पासवान पासवान ने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सांसद भूदेव चौधरी को पराजित किया था। इस बार के चुनाव में लोजपा-रामविलास से चिराग पासवान ने जमुई (सु) सीट से अपने जीजा अरुण भारती को उम्मीदवार बनाया है। श्री चिराग पासवान ने हाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। अरुण भारती कांग्रेस की पूर्व मंत्री डॉ. ज्योति के पुत्र हैं। डॉक्टर ज्योति बिहार में कांग्रेस की कद्दावर नेता रही हैं। वह बिहार में विधायक, बिहार विधान परिषद् की सदस्य रहने के साथ ही बिहार सरकार में मंत्री रह चुकी हैं।

अरुण भारती दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से बैचलर इन कॉमर्स हैं। इसके अलावा उन्होंने इंग्लैंड के यूनिवर्सिटी ऑफ स्ट्रेथक्लाइड यू.के से एमबीए की पढ़ाई की है। अरुण भारती ने दिल्ली में एक बैंकर के रूप में मल्टीनेशनल कंपनी बैंक स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक में काम किया है। अरुण भारती पहली बार लोकसभा के चुनावी रण में किस्मत आजमा रहे हैं। जमुई संसदीय सीट से ही चिराग पासवान ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की थी। सिनेमा की दुनिया से सियासत की दुनिया में आये चिराग पासवान ने वर्ष 2014 मे जमुई (सु) से अपनी सियासी पारी का शानदार आगाज किया। चिराग पासवान ने लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और राजद उम्मीदवार सुधांशु शेखर भास्कर को पराजित किया था। भाजपा के साथ मतभेदों की वजह से जदयू उस समय राजग से अलग हो गयी थी। जमुई को प्रतिष्ठाजनक सीट मान कर नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा के तत्कालीन अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी को जदयू का उम्मीदवार बना दिया। राजनीति में नये खिलाड़ी होने के बावजूद चिराग पासवान ने अपने से अनुभवी उदय नारायण चौधरी और सुधांशु शेखर भास्कर को करारी शिकस्त दी। जदयू उम्मीदवार उदय नारायण चौधरी इस चुनाव में तीसरे नंबर पर रहे।

चिराग पासवान ने वर्ष 2011 में प्रदर्शित फिल्म ‘मिले ना मिले हम’ में कंगना रनौत के साथ काम किया था।उनकी फिल्म टिकट खिड़की पर भले ना चली लेकिन राजनीति में आते ही उन्होंने कमाल कर दिया।फिल्मी दुनिया मे फ्लॉप हीरो रहे चिराग पासवान राजनीति के स्टार बन गये।लगातार दो बार वर्ष 2014 और वर्ष 2019 में जमुई (सु) सीट पर जीत का सेहरा बांध चुके चिराग पासवान इस बार के चुनाव में अपने लिये सुरक्षित जमुई (सु) छोड़कर अपने पिता पूर्व केन्द्रीय मंत्री मंत्री राम विलास पासवान की विरासत को संभालने के लिये हाजीपुर (सु) सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, ऐसे में जमुई (सु) सीट से उनके जीजा अरूण भारती के साथ ही उनकी भी प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। राम विलास पासवान हाजीपुर (सु) से आठ बार सांसद रह चुके हैं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में हाजीपुर (सु) से राम विलास पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस ने लोजपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी।

महागठबंधन में शामिल राजद ने जमुई (सु) सीट से अर्चना रविदास को उम्मीदवार बनाया है।अर्चना रविदास मुंगेर के राजद नेता मुकेश यादव की पत्नी हैं और उनका मायका जमुई क्षेत्र में है। अर्चना रविदास पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं।जमुई संसदीय सीट राजग के लिये कितनी महत्वपूर्ण सीट है यह इस बात से समझा जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार में अपने चुनाव प्रचार आभियान की शुरुआत जमुई से की है। चिराग पासवान ने प्रधानमंत्री श्री मोदी के बिहार में चुनाव प्रचार की शुरुआत हमेशा जमुई की धरती से करने को गर्व की बात बताया और कहा कि पिछली बार उनके पिता स्व. रामविलास पासवान श्री मोदी के साथ मौजूद थे लेकिन आज वह नहीं है, इसके बावजूद वह प्रधानमंत्री को भरोसा दिलाते हैं कि बिहार में 40 की 40 सीटों पर राजग उम्मीदवारों की ही जीत होगी।

जमुई संसदीय क्षेत्र पहली बार वर्ष 1962 के आम चुनाव में अस्तित्व में आया। इस सीट पर हुये चुनाव मे कांग्रेस के नयनतारा तास ने प्रजा सोशलिस्ट पार्टी उम्मीदवार रामेश्वर प्रसाद वर्मा को पराजित कर जीत हासिल की। इसके पहले नयनतारा दास और बनारसी दास ने वर्ष 1952 में मुंगेर सदर सह (जमुई) और वर्ष 1957 में नयनतारा दास और बनारसी दास ने मुंगेर संसदीय सीट से जीत हासिल की थी। 1967 में कांग्रेस के नयनतारा दास ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के भोला मांझी को पराजित किया। जमुई सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा था।इसके बाद 1971 में हुए चुनाव में जब कांग्रेस दो भागों में बंट गई, तब नयन तारा दास ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (संगठन-एनसीओ)में जाने का फैसला किया। उन्होंने एनसीओ उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा, जहां उन्हें भाकपा उम्मदीवार भोला मांझी से हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस के अमीर दास तीसरे नंबर पर रहे।वर्ष 1971 में हुए आम चुनाव में भाकपा ने जमुई (सु) की सियासी जमीं पर पहली बार जीत का परचम लहराया और पार्टी का ‘लाल झंडा’ बुलंदा किया।

वर्ष 1973 में जब परिसीमन हुआ तो जमुई संसदीय सीट का अस्तित्व समाप्त हो गया, जो दोबारा 2002 के परिसीमन के बाद 2008 से अस्तित्व में आया और यह सीट सुरक्षित घोषित कर दिया गया। वर्ष 2009 में एक लंबे अंतराल के बाद हुए आम चुनाव में जदयू के भूदेव चौधरी ने राजद के श्याम रजक को पराजित किया था। कांग्रेस उम्मीदवार अशोक चौधरी तीसरे नंबर पर रहे। चिराग पासवान ने वर्ष 2014 जमुई से चुनावी डेब्यू किया जो हिट साबित हुआ, उन्होंने जदयू से यह सीट छीन ली।इसके बाद 2019 में भी चिराग पासवान ने अपनी पार्टी लोजपा का ‘चिराग’ रौशन किया।

जमुई लोकसभा सीट आरक्षित सीट है लेकिन यहां यादव और मुस्लिम वोटर का दबदबा है। राजपूत वोट को भी जमुई संसदीय सीट में नकारा नहीं जा सकता। लोकसभा चुनाव में आमतौर पर पार्टी यहां दलित और महादलित वोटर को ही अपना टारगेट बनाती है लेकिन यादव, राजपूत और मुस्लिम वोटर भी यहां प्रत्याशी के हार जीत में एक बड़ी भूमिका अदा करते हैं।जमुई संसदीय सीट पर मुख्य रुप से जदयू, राजद और लोजपा के उम्मीदवार अपना भाग्य आजमाते आए है, भाजपा ने कभी इस सीट से अपना उम्मीदवार नही दिया है। जमुई को राजनीति की दृष्टिकोण से काफी संवेदनशील माना जाता है। जमुई के कई दिग्गज राजनेता केन्द्र से लेकर राज्य तक न केवल मंत्री पद को सुशोभित किया है बल्कि जमुई ने बिहार को एक मुख्यमंत्री चंद्रशेखर सिंह भी दिया है। जमुई ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर का निशोनेबाज भी दिया जो वर्तमान में जमुई से भाजपा की की विधायक भी हैं। गोल्डन गर्ल के नाम से मशहूर श्रेयसी सिंह ने 2020 के विधानसभा चुनाव में जमुई से जीत हासिल की थी। माना जाता है कि जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर को यहीं पर दिव्य ज्ञान प्राप्त हुआ था।

जमुई (सु) संसदीय क्षेत्र जमुई, मुंगेर और शेखपुरा तीन जिलों की छह विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर बना है। जमुई की चार, मुंगेर का एक और शेखपुरा का एक विधानसभा क्षेत्र जमुई संसदीय क्षेत्र में शामिल है। जमुई जिले के चार विधानसभा क्षेत्र जमुई, सिकंदरा, झाझा और चकाई, शेखपुरा जिले का शेखपुरा और मुंगेर जिले का तारापुर विधानसभा क्षेत्र जमुई संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है। जमुई में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), सिकंदरा में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम), झाझा में (जदयू) और चकाई में निर्दलीय प्रत्याशी का कब्जा है। शेखपुरा में राजद और तारापुर में जदयू का कब्जा है।

लोकसभा चुनाव 2024 में जमुई संसदीय क्षेत्र से लोजपा रामविलास, राजद समेत सात उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इस क्षेत्र में 19 लाख पांच हजार 487 मतदाता है। इनमें नौ लाख 96 हजार 246 पुरूष, नौ लाख नौ हजार एक सौ 90 और 51 ट्रांसजेंडर शामिल हैं,जो 19 अप्रैल को इन सात उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में लॉक कर देंगे। देखना दिलचस्प होगा कि जमुई की आम जनता किस उम्मीदवार के लिये जमुई (सु) सीट सुरक्षित करती है।

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