संदेशखाली की घटना को लेकर भड़की हिंसा, मैती के बाद अब सरदार के घर में घुसीं महिलाएं, तोड़फोड़ की
संदेशखाली। पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में स्थित संदेशखाली गांव इन दिनों चर्चा में है। गांव की महिलाओं ने आरोप लगाया है कि टीएमसी नेता शाहजहां शेख ने उनकी जमीन पर कब्जा करने के साथ-साथ कुछ महिलाओं के साथ यौन शोषण भी किया है। बंगाल की पूरी सियासत अभी संदेशखाली के ईर्दगिर्द भटक रही है। संदेशखाली सियासी जंग का मैदान बना हुआ है। ग्रामीणों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। वह शाहजहां शेख के करीबी नेताओं अजीत मैती और शंकर सरदार पर भी अपना क्रोध निकाल रहे हैं। एक तरफ जहां मैती पुलिस कैद में हैं वहीं अब सरदार के घर पर ग्रामीणों ने तोड़फोड़ कर दी है।
उत्तर 24 परगना के संदेशखली के पोलपारा गांव के ग्रामीणों ने टीएमसी नेता शंकर सरदार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उनकी पत्नी ने पुलिस को शिकायत दी कि स्थानीय महिलाओं ने उनके घर में तोड़फोड़ की है। पुलिस अधिकारी इलाके में मौजूद हैं।
हमारा सामान और दुकान लूट ली
एक स्थानीय महिला ने कहा, ‘हम एक एनजीओ में काम करते थे। हमारे लिए सामग्री एक ट्रक में आती थी। अजीत मैती और शंकर ने हमारा सामान और दुकान लूट ली। उन्होंने हमें काम नहीं करने दिया। हम आदिवासी हैं। उन्होंने हमारी जमीन, जंगल और पानी छीन लिया।’
विपक्ष फंसाने की कोशिश कर रहा
वहीं, शंकर सरदार की पत्नी का कहना हैं, ‘महिलाएं हमारे घर में जबरदस्ती घुस आईं और तोड़फोड़ करने लगीं। मेरे पति टीएमसी में हैं, इसलिए महिलाएं उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं। विपक्ष उन्हें फंसाने की कोशिश कर रहा है। वह (शंकर सरदार) घर पर नहीं हैं।’
कानून अपने हाथ में न लें महिलाएं: एसपी रहमान
बशीरहाट के एसपी एचएम रहमान ने कहा, ‘कुछ महिलाएं शंकर सरदार के घर में घुस गईं। मैं संदेशखाली के लोगों से कह रहा हूं कि वे कानून अपने हाथ में न लें, अन्यथा पुलिस द्वारा कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हमने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।’
महिलाएं आगे आई हैं: बोस
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने संदेशखाली की घटना पर कहा कि जैसा कि हम खबरों के माध्यम से जानते हैं कि पुलिस वहां गई, मंत्री वहां गए, याचिकाएं प्राप्त हुईं। यदि मैं खबरों की मानूं तो 800 से अधिक याचिकाएं प्राप्त हुई हैं। प्रक्रिया शुरू हो गई है। महिलाएं आगे आई हैं। उन्होंने खुद को मुखर करना शुरू कर दिया है और अब बदलाव होगा। राज्यपाल का काम यह देखना है कि निर्वाचित सरकार कानून के शासन के भीतर कब कार्रवाई करती है। अगर ऐसा नहीं किया गया तो राज्यपाल हस्तक्षेप करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘जहां तक बंगाल का सवाल है, आज का दिन एक गेम-चेंजिंग दिन है। प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल में 28 स्टेशनों का पुर्नशिलन्यास करने जा रहे हैं। आज सरकार द्वारा बंगाल के लिए 31 अंडरपास, 700 करोड़ रुपये से अधिक की राशि निर्धारित की गई है।’