चैत्र नवरात्र में घोड़े पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा
ग्वालियर। चैत्र नवरात्रों का प्रारंभ 9 अप्रैल से होने जा रहा है और जिसका समापन 17 अप्रैल को होगा। इन नौ दिनों में आदि शक्ति की उपासना की जाएगी। नवरात्रि का पर्व देशभर में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि चैत्र नवरात्र इस बार 09 अप्रैल से शुरू होंगे और 17 अप्रैल को समापन होगा। ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र नवरात्र के पहले दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इन दोनों योग का निर्माण सुबह 07 बजकर 32 मिनट से लेकर अगले दिन 10 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 06 मिनट तक है। साथ ही चैत्र नवरात्र पर अश्विनी नक्षत्र का भी योग बन रहा है। अश्विनी नक्षत्र सुबह 07 बजकर 33 मिनट से है, जो अगले दिन 10 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 06 मिनट तक है। इन योग में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी।
इस बार चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा का आगमन घोड़े पर हो रहा है। घोड़े को मां दुर्गा का शुभ वाहन नहीं माना जाता है, ये युद्ध और प्राकृतिक आपदाओं का संकेत देता है। सत्ता में परिवर्तन होता है।
चैत्र नवरात्रि घट स्थापना शुभ मुहूर्त:-
इस साल चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा तिथि 08 अप्रैल को देर रात 11 बजकर 50 मिनट से शुरू होगी। ये तिथि अगले दिन यानी 09 अप्रैल को संध्याकाल 08 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगी। हिंदू धर्म में उदया तिथि मान है, इसलिए 09 अप्रैल को घटस्थापना है।
09 अप्रैल को घटस्थापना समय प्रात: काल 06 बजकर 02 मिनट से लेकर 10 बजकर 16 मिनट तक है। इस समय में घटस्थापना कर सकते हैं। इसके अलावा, 11 बजकर 57 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 48 मिनट के मध्य अभिजीत मुहूर्त में भी घटस्थापना कर सकते हैं।
चैत्र नवरात्रि तिथियां:-
- पहला दिन 9 अप्रैल प्रतिपदा तिथि, घटस्थापना, मां शैलपुत्री पूजा
- दूसरा दिन 10 अप्रैल द्वितीया तिथि, मां ब्रह्मचारिणी पूजा
- तीसरा दिन 11 अप्रैल तृतीया तिथि, मां चंद्रघण्टा पूजा
- चौथा दिन 12 अप्रैल चतुर्थी तिथि, मां कुष्माण्डा पूजा
- पांचवां दिन 13 अप्रैल पंचमी तिथि, मां स्कंदमाता पूजा
- छठा दिन 14 अप्रैल षष्ठी तिथि, मां कात्यायनी पूजा
- सांतवां दिन 15 अप्रैल सप्तमी तिथि, मां कालरात्रि पूजा
- आठवां दिन 16 अप्रैल अष्टमी तिथि, मां महागौरी पूजा
- नौवां दिन 17 अप्रैल नवमी तिथि मां, सिद्धिदात्री पूजा, रामनवमी